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राहुल गांधी के आज अदालत में पेश होने की उम्मीद थी, लेकिन उनके वकील ने पूर्व प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए छूट की मांग करते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन में कहा गया है कि विपक्ष के नेता के रूप में गांधी ने एक विदेशी गणमान्य व्यक्ति के साथ पूर्व-निर्धारित बैठक की, जिससे उनके लिए अदालती कार्यवाही में भाग लेना असंभव हो गया। दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने उनके छूट अनुरोध को खारिज कर दिया और गैर-उपस्थिति के लिए 200 रुपये का जुर्माना लगाया।अदालत ने अब 14 अप्रैल के लिए सुनवाई पुनर्निर्धारित की है और गांधी को बिना किसी बहाना के पेश होने का निर्देश दिया है। यह घटनाक्रम चल रहे राजनीतिक तनाव के बीच आया है, यह मामला वीर सावरकर से जुड़ी ऐतिहासिक और वैचारिक बहस से जुड़ा होने के कारण काफी ध्यान आकर्षित कर रहा है। वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान कुलियों ने अपनी जान जोख़िम में डालकर लोगों की मदद की लेकिन सरकार इनकी आवाज़ नहीं सुन रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह इनकी मांगें सरकार के समक्ष रखेंगे और उनके अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे। राहुल गांधी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के दौरान लोगों की मदद करने वाले कुलियों के एक समूह से बीते शनिवार को मुलाकात की थी। उसका वीडियो बुधवार को उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। बीते 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई थी। राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया, कुछ दिनों पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंच कर वहां के कुली भाइयों से फिर से मुलाकात की।

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