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पूरे कश्मीर में आज ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया गया, जिसमें डल झील के किनारे हजरतबल दरगाह पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। हालांकि पुराने श्रीनगर शहर में ईदगाह और ऐतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज की अनुमति नहीं मिलने से लोगों में निराशा भी देखी गयी। दोनों स्थानों पर सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई थी। अंजुमन औकाफ़ जामा मस्जिद ने घोषणा की थी कि ईद की नमाज पुराने शहर के ईदगाह में सुबह 10 बजे होगी। साथ ही उसने अधिकारियों से धार्मिक आयोजन पर रोक नहीं लगाने का आग्रह किया था। कश्मीर के मुख्य मौलवी मीरवाइज उमर फारूक को ईदगाह में ईद का उपदेश देना था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें सामूहिक नमाज से पहले नजरबंद कर दिया गया था मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला हजरतबल में नमाज अदा करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में शामिल थे। घाटी के सभी जिलों से ईद की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की सूचना मिली। सुंदर परिधानों में सजे हर उम्र के मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाहों, मस्जिदों और दरगाहों में नमाज अदा करने के लिए एकत्र हुए। रमजान के महीने के समापन पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं, उन्हें उपहार और शुभकामनाएं देते हैं। आज हज़ारों लोगों ने ईद-उल-फितर मनाने के लिए दरगाह हज़रतबल में ईद की नमाज़ अदा की। प्रभासाक्षी ने ईद मना रहे लोगों से बात की तो उन्होंने अपनी खुशी जताई।

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