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मेरठ। आईआईएमटी विवि में प्रथम अखिल भारतीय किसान मेले की शुरूआत हो गई। तीन दिनो तक चलने वाले कृषि मेले में किसानों और पशुपालन के क्षेत्र से जुड़े लोगों को उन्नत तकनीक की जानकारी दी जा रही है।
यह सिर्फ किसान मेला नहीं बल्कि विज्ञान मेला भी है जिसका लाभ मेले में आने वाले किसानों और पशुपालकों को अवश्य मिलेगा। आईआईएमटी विवि के कृषि विज्ञान महाविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले को संबोधित करते हुए कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने कहा कि कृषि व पशुपालन के क्षेत्र में विज्ञान का संगम हो जाए तो ये क्षेत्र किसी भी व्यवसायिक क्षेत्र से अधिक मुनाफा दे सकते हैं।
मंगलवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेले का कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने फीता काटकर शुभारंभ किया। इसके बाद कृषि विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ राजबीर सिंह ने कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता, कुलपति डॉ दीपा शर्मा, कुलसचिव डॉ वीपीराकेश का स्वागत किया और किसान मेले का भ्रमण कराते हुए लगे स्टालों और दूसरे राज्यों व जिलों से आए पशुओं की जानकारी दी। इस दौरान योगेश मोहन गुप्ता ने मेले में आए किसानों, पशुपालकों व अतिथियों का स्वागत किया और स्टॉल लगाने वाली कंपनियों के गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की प्रशंसा की। कुलाधिपति ने कृषि विज्ञान महाविद्यालय के सार्थक प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में विज्ञान की तकनीकों तथा आधुनिक उत्पादों के बारे में जानना व उनका प्रयोग करना भारत को विकसित बनाने के लिए बेहद आवश्यक है। इन क्षेत्रों में सफलता पाने के लिए आधुनिक किसान बनना होगा जिसके लिए तकनीक व आधुनिक उत्पादों की उचित जानकारी होना आवश्यक है। आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि की जा सकती हैं। वहीं, पशुओं के पालन-पोषण में वैज्ञानिक तकनीकों का इस्तेमाल, परिस्थितियों के मुताबिक उचित खान-पान और गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद के प्रयोग से न केवल पशु स्वस्थ हांेगे बल्कि उनके दुग्ध उत्पादन की क्षमता में भी आशातीत वृद्धि होगी। विवि के कृषि विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ राजबीर सिंह ने बताया की 7 से 9 अक्टूबर तक चलने वाले किसान मेले में किसानों को कृषि और पशुपालन के क्षेत्र से संबंधित उन्नत तकनीक की जानकारी दी जाएगी। मेले का आयोजन इफको तथा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी के वित्तीय सहयोग से किया जा रहा है। किसान मेले में अखिल भारतीय व उत्तर प्रदेश स्तरीय की पशु प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उप्र व उत्तराखंड के पशुपालकों के अच्छी नस्ल के पशु शमिल होंगे। साथ ही मेले में उन्नत किस्म के बीज, खाद, दवाइयों, पशु आहार, कृषि उपकरणों व मशीनरी आदि की कंपनियां अपने स्टाॅल लगाकर आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रदर्शन कर रहीं हैं। मेले मे हरियाणा से पूरे देश का चैंपियन मुर्रा नस्ल का सांड जिसकी कीमत लगभग 8 करोड़ है आकर्षण का केंद्र बनेगा। पशु मेले में अच्छे पशुपालन के लिए राष्ट्रपति द्वारा पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित किसान नरेंद्र सिंह भी अपने मुर्रा नस्ल के सांड तथा भैंसों के साथ प्रतिभाग करेंगे।

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