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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके आवास पर की गई छापेमारी भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष को परेशान करने के लिए की गई राजनीतिक प्रतिशोध है। बघेल ने दावा किया कि ईडी के अधिकारी सुबह 7:30 बजे उनके दुर्ग स्थित आवास पर उस समय पहुंचे जब वह चाय पी रहे थे। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जब उन्होंने ईसीआईआर नंबर मांगा तो उन्हें नहीं दिया गया, जो एफआईआर के समान है।बघेल ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि ईडी के पास कोई प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) संख्या नहीं है। जब हमने इसके लिए पूछा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। सात साल पहले मेरे खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाया गया था। उस मामले में कुछ नहीं मिला क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे बरी कर दिया। इस मामले में भी उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। बघेल ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें न तो छत्तीसगढ़ विधानसभा में जाने दिया गया और न ही फोन इस्तेमाल करने दिया गया।

बघेल ने दावा किया कि उन्होंने मुझे आज विधानसभा नहीं जाने दिया। उन्होंने मुझे फोन पर बात करने से भी रोक दिया। मेरी बेटी, मेरा बेटा, बहू और पोते-पोतियां यहीं रहते हैं। हम मुख्य रूप से 140 एकड़ जमीन पर खेती करके कमाते हैं। इससे पहले आज, केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित शराब घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के आवास भी शामिल हैं।कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि यह छापेमारी संसद में प्रमुख मुद्दों पर जवाब से बचने के लिए सरकार द्वारा ध्यान भटकाने वाली रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, ‘‘ये ध्यान भटकाने वाली रणनीति हैं। जब भी संसद सत्र चल रहा होता है, तो लोगों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन वे इन मुद्दों से भागना चाहते हैं… सरकार जन केंद्रित मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। इसलिए, जब भी संसद सत्र चल रहा है, वे ये ध्यान भटकाने वाली रणनीति अपनाते हैं। उन्हें ऐसा करने दीजिए।

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