

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि भाजपा को अपनी पार्टी को ऐसा करने का सुझाव देने के बजाय किसी मुस्लिम को पार्टी अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतीत में मुस्लिम समुदाय के प्रमुख नेता इस पद पर रह चुके हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में एक “परेशान करने वाली प्रवृत्ति” देखी जा रही है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदायों को दुश्मन माना जा रहा है और केंद्र तथा राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। उनका यह बयान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हरियाणा में दिए गए उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि कांग्रेस को वास्तव में मुसलमानों से हमदर्दी है तो उसे किसी मुसलमान को अपना अध्यक्ष बनाना चाहिए तथा समुदाय के लोगों को 50 प्रतिशत टिकट देने चाहिए।जब पत्रकारों ने दिग्विजय सिंह से प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि मुसलमानों ने पहले भी (कांग्रेस के) अध्यक्ष पद संभाले हैं और हमें इस पर गर्व है। अगर उन्हें (भाजपा को) इतनी चिंता है, तो वे मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाते? स्वतंत्रता-पूर्व काल में मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, मुख्तार अहमद अंसारी, सैयद हसन इमाम और नवाब सैयद मोहम्मद बहादुर जैसे प्रमुख मुस्लिम नेता कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, तो सिंह ने कहा, “देश में एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति चल रही है, जहाँ अल्पसंख्यक समुदायों को केंद्र सरकार और भाजपा की तथाकथित डबल इंजन सरकार द्वारा शासित राज्यों द्वारा दुश्मन माना जा रहा है।