मेरठ। दिवाली खुशियों का त्यौहार है लेकिन इस परिवार को दिन में एक बार भरपेट खाना मिल जाए तो यही उसके लिए दिवाली के सामान है। परिवार रोज सड़क किनारे अपनी मासूम बच्ची को लेकर तमाशा करता है। बच्ची आठ फिट की उंचाई पर बंधी रस्सी पर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के रेंगकर चलती है। इस दौरान बच्ची की जान को भी खतरा है लेकिन भूखा मरने से अच्छा यह खतरा उठाना इस परिवार का रोज का काम है। राह चलते लोग जो दान देते है उसी से शाम को भरपेट खाना खाकर यह परिवार सो जाता है और अगले दिन फिर इसी जद्दोजहद में जुट जाता है। परिवार से बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ, शायद उसे डर था कि कहीं कोई उससे पेट भरने का यह तरीका भी न छीन ले।

