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रघुनाथ गर्ल्स पोस्टग्रेजुएट कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में दिनांक 20 मार्च 2025 को तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर निवेदिता कुमारी के संरक्षण में आरंभ किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ प्राचार्या प्रोफेसर निवेदिता कुमारी, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो ममता उपाध्याय, रिसोर्स पर्सन मिस महिमा शर्मा, श्रीमती प्रीति कार्यक्रम संयोजिका, करीना, एनी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यशाला के प्रथम दिन का मुख्य विषय साहित्य में औपनिवेशक, फेमिनिस्ट तथा इको क्रिटिकल दृष्टिकोण रहा। प्रथम दिन मुख्य वक्ता के रूप में मिस महिमा शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग,कालिंदी कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय रही। उन्होंने इस विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उत्तर औपनिवेशिक अध्ययन साहित्य में उन आवाजों को सामने लाता है जिन्हें औपनिवेशिक काल में दबा दिया गया था। यह दृष्टिकोण शक्ति, पहचान और प्रतिरोध जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की विवेचना करता है। नारीवादी दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह विमर्श स्त्रियों के अनुभवों, उनके संघर्ष, तथा लैगिंक असमानताओं को उजागर करता है। यह साहित्य में स्त्रियों की भूमिका और उनके अधिकारों के लिए जागरूकता उत्पन्न करता है। इको क्रिटिकल दृष्टिकोण के तहत उन्होंने बताया कि यह अध्ययन प्रकृति और साहित्य के संबंधों की पड़ताल करता है। सत्र के अंत में प्रतिभागियों के साथ संवादात्मक चर्चा हुई, जिसमे छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और विचार प्रस्तुत किए।तीन दिनों तक चलने वाली कार्यशाला में समन्वयक व विभाग प्रभारी प्रो ममता उपाध्याय ने साहित्यिक सिद्धांतों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये हमें किसी भी पुस्तक का गहराई से अध्ययन करने में सक्षम बनाती हैं। इस कार्यशाला में हम साहित्यिक सिद्धांतों के माध्यम से आगे बढ़ेंगे और पंक्तियों के बीच पढ़ना सीखेंगे। किसी पाठ में छिपे अर्थों को समझना महत्वपूर्ण है, और साहित्यिक सिद्धांतों के बिना साहित्य की गहन समझ अधूरी रह जाती है। सिद्धांत हमें एक पाठ को कई आयामों में देखने की अनुमति देते हैं, इसकी कई परतों और रंगों को प्रकट करते हैं।कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती प्रीति रही। कार्यक्रम मे एनी सैफी, और करीना कमर का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम मे प्रो नीना बत्रा, डॉक्टर बबीता माजी आदि उपस्थित रहे।प्रतिनिधि छात्राओं में दीपांशी, अंकिता, तनु तोमर, तहनियत, कंचन, गीतिका,शिवानी, अंतिम, आदि छात्राएं उपस्थित रहीं।

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