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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की हालिया टिप्पणी पर कटाक्ष किया। उन्होंने इस क्षेत्र को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार की मंशा और क्षमता पर सवाल उठाए और साथ ही जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर चीन के नियंत्रण की ओर भी इशारा किया। विधानसभा को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि विदेश मंत्री ने कहा है कि वे पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित कश्मीर के हिस्से को वापस लाएंगे। क्या हमने उन्हें कभी रोका? अगर वे इसे वापस ला सकते हैं, तो उन्हें अभी ऐसा करना चाहिएकेंद्र को चुनौती देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने सवाल किया कि सरकार केवल पीओके पर ही ध्यान क्यों दे रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों पर चीन के नियंत्रण को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने पूछा, “एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है, लेकिन दूसरा हिस्सा चीन के पास है – कोई इस बारे में बात क्यों नहीं करता?” उन्होंन सवाल किया कि कारगिल युद्ध के समय पीओके को क्यों नहीं लिया? वहीं, भाजपा विधायक एवं विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने पलटवार करते हुए तहा कि जब सरकार पीओके को वापस लेने की योजना बनाएगी तो उमर अब्दुल्ला से सलाह नहीं ली जाएगी।पाकिस्तान के साथ बातचीत की वकालत करने वाले विधायकों पर कटाक्ष करते हुए शर्मा ने कहा कि ऐसे मामले सदन के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। उन्होंने कहा, “यह संसद का अधिकार क्षेत्र है और उन्होंने अतीत में भी इस पर काम किया है। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी प्रयास किया था।” वाजपेयी के दौर और मौजूदा भाजपा के बीच समानताएं बताने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना करते हुए शर्मा ने कहा, “भाजपा एक विचारधारा वाली पार्टी है। हमारी विचारधारा तब भी वही थी जो आज है।

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