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सदर बाजार स्थित मुस्तफा केसल नवाब इस्माइल कोठी में सोमवार को शहर के उलेमा की दरखास्त पर पूरी दुनिया और देश के हालात के मद्देनजर गौर व फिक्र के बाद आपसी इख्तलाफ को दरकिनार रखकर मुसलमानों और शाही जामा मस्जिद को विवाद से बचाने के लिए दोनों पक्षों डॉ. काजी जैनुल सालिकीन व कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने सुलहकर ली और रंजिश मिटाकर इत्तेफाक कर लिया है। इस मौके पर डॉ. जैनुल सालिकीन ने कहा कि कारी शफीकुर्रहमान कासमी मेरे बड़े है और वालिद की जगह हैं। मैं उनकी सरपरस्ती में उलेमा-ए-किराम को साथ लेकर आवाम की उम्मीदों पर खरा उतरने की हर मुमकिन कोशिश करूंगा। इसी तरह कारी शफीकुर्रहमान ने डॉ. काजी जैनुल सालिकीन के सर पर हाथ रखते हुए कहा कि मैं इख्तलाफ खत्म करता हूँ। डॉ. काजी जैनुल सालिकीन मेरी औलाद की तरह है और में शहर में कौम की सलामती के लिए हर जगह हर मौके पर साथ खड़ा होकर सरपरस्ती करूंगा।

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