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आज, 08 मार्च 2025 को रघुनाथ गर्ल्स पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी के संरक्षण में प्रोग्रेसिव वीमेन फोरम फॉर सोशल चेंज द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की दसवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘महिलाओं के कानूनी अधिकार’ विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन तथा सरस्वती वंदना करके किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षा प्राचार्या प्रो. निवेदिता कुमारी ने सभी को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ दीं और सभी को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने को प्रेरित किया|प्रोग्रेसिव वूमेन फोरम की इंचार्ज प्रोफेसर रजनी श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं को कर्तव्यों के साथ साथ अधिकारों की भी जानकारी होनी चाहिए। अतिथि वक्ता श्रीमती मीनाक्षी यादव (एडवोकेट) ने महिलाओं के कानूनी अधिकार के विषय में बताया कि महिलाओं के कानूनी अधिकार समाज में उनकी सुरक्षा, समानता और सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। भारतीय संविधान ने महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार प्रदान किए हैं। अनुच्छेद 14 के तहत महिलाओं को समानता का अधिकार दिया गया है, अनुच्छेद 15 के अनुसार लिंग के आधार पर भेदभाव निषिद्ध है और अनुच्छेद 16 के तहत समान अवसर की बात की गयी है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं। दहेज निषेध अधिनियम, 1961 दहेज प्रथा को रोकने के लिए लागू किया गया। घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा देता है। कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 उन्हें कार्यस्थल पर सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है। भारतीय दंड संहिता के तहत बलात्कार, छेड़छाड़ और एसिड अटैक जैसे अपराधों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। अतिथि वक्ता श्रीमती उर्वशी चौधरी (एडवोकेट) ने महिलाओं के आर्थिक अधिकार के विषय में बताया कि महिलाओं के लिए आर्थिक अधिकार भी सुनिश्चित किए गए हैं। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत बेटियों को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार मिला है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत गर्भवती महिलाओं को कार्यस्थल पर विशेष सुविधाएँ दी जाती हैं।
इसके अलावा, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आरक्षण नीति लागू की गई है। ये कानूनी अधिकार महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में छात्राओं ने अतिथि वक्ता से कानून से संबंधित बहुत सारे प्रश्न भी किया तथा अतिथि वक्ताओं ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया |कार्यक्रम का आयोजन सचिव डॉ. आरती शर्मा और डॉ. गरिमा कुमारी रहीं,तथा संचालन डॉ. शुभम त्यागी ने किया।
इस कार्यक्रम में कुल 67 छात्राएँ मौजूद रहीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती निरलेप कौर, डॉ. स्वाति शर्मा, पूजा सरोज, हिना यादव, डॉ. नलिनी द्विवेदी, डॉ. श्वेता त्यागी, डॉ. गीता सिंह, डॉ अनुजा,डॉ. भावना शर्मा का सराहनीय योगदान रहा।

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