0 1 min 3 mths

लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेस में बसपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने वक्फ कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को शामिल करने का प्रावधान गलत प्रतीत होता है, तथा मुस्लिम समुदाय भी इस पर आपत्ति जता रहा है। बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि बेहतर होगा कि केंद्र सरकार वक्फ अधिनियम पर पुनर्विचार करे तथा उसे निलंबित कर दे ताकि अन्य समान विवादास्पद प्रावधानों में सुधार हो सके।इसके साथ ही मायावती ने कहा कि भारत में भारतीयों की सुरक्षा के लिए सभी राज्य सरकारों को अपने राजनीतिक हितों को छोड़कर भारतीय कानून के तहत आतंकवादियों के खिलाफ निष्पक्ष और ईमानदार सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। इससे पहले मायावती ने एक्स पोस्ट में कहा था कि संसद में वक़्फ संशोधन बिल पर सत्ता व विपक्ष को सुनने के बाद, निष्कार्ष यही निकलता है कि केन्द्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए कुछ और समय दे देती तथा उनके सभी सन्देहों को भी दूर करके जब इस बिल को लाती तो यह बेहतर होता।उन्होंने आगे लिखा था कि लेकिन दुःख की बात यह है कि सरकार ने इस बिल को बहुत जल्दबाज़ी में लाकर जो इसे पास कराया है यह उचित नहीं और अब इस बिल के पास हो जाने पर यदि सरकारें इसका दुरुपयोग करती हैं तो फिर पार्टी मुस्लिम समाज का पूरा साथ देगी अर्थात् ऐसे में इस बिल से पार्टी सहमत नहीं है। वहीं, मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उस पर दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण लागू करने के मुद्दे पर छलावापूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। मायावती ने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, कांग्रेस पार्टी के अहमदाबाद अधिवेशन में ख़ासकर भाजपा के ’छद्म राष्ट्रवाद’ व दलित एवं पिछड़े बहुजन-हित आदि को लेकर प्रस्ताव छलावा व अविश्वसनीयता से ग्रस्त हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Somewhere in news