नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत हरित ऊर्जा की दिशा में बदलाव के लिए काम आने वाले उत्पादों का एक भरोसेमंद वैश्विक आपूर्तिकर्ता बन सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘हमें प्रत्येक वैश्विक ग्राहक की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए भारत में बने कलपुर्जों की दिशा में काम करना चाहिए।’’ वाणिज्य और उद्योग तथा आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यमंत्री ने ऊर्जा पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन में कहा कि कोविड महामारी, देशों के बीच संघर्ष और जलवायु परिवर्तन ने प्रचलित व्यापार मार्गों और नीति ढांचे को चुनौती दी है।

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों के चलते विशेष रूप से हरित ऊर्जा क्षेत्र सहित आपूर्ति श्रृंखलाओं की कमजोरियां उजागर हुई हैं। प्रसाद ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं ने सेमीकंडक्टर, दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और सौर पीवी सामग्री जैसे महत्वपूर्ण कलपुर्जों की कमी पैदा कर दी है। साथ ही दूसरी तरफ माल ढुलाई की बढ़ती लागत और बंदरगाहों पर देरी ने लॉजिस्टिक संबंधी बाधाएं पैदा की हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसे में भारत के पास एक सुनहरा अवसर है, और देश ऊर्जा बदलाव के उत्पादों के एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में उभर सकता है।

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