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दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ गी आप ने मांग की कि अब दिल्ली पुलिस कपिल मिश्रा को गिरफ़्तार करे। पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा को पूरे देश ने दंगा भड़काते हुए देखा था। उनका भाषण टीवी कैमरों में क़ैद है। लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें क़ानून मंत्री बनाया है। कपिल मिश्रा को मंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। आम आदमी पार्टी का विधायक दल इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएगा जांच के आदेश दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में कथित संलिप्तता को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ आगे की जांच करने का आदेश दिया। यह मामला यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास द्वारा अगस्त 2024 में दायर एक याचिका से संबंधित है, जिसमें दयालपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) मिश्रा और तीन भाजपा नेताओं मुस्तफाबाद विधायक मोहन सिंह बिष्ट और पूर्व विधायक जगदीश प्रधान और सतपाल सांसद सहित पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने क्या कहा अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि पहली घटना के संबंध में आगे की जांच शुरू की जाए क्योंकि शिकायतकर्ता ने संज्ञेय अपराध का खुलासा किया है। कपिल मिश्रा के खिलाफ हम आगे की जांच का निर्देश दे रहे हैं क्योंकि हमारा प्रथम दृष्टया मानना ​​है कि यह संज्ञेय अपराध है। कपिल मिश्रा को इलाके में देखा गया था। इलियास का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता महमूद प्राचा ने आरोप लगाया कि 23 फरवरी, 2020 को उन्होंने मिश्रा और उनके सहयोगियों को कर्दमपुरी में एक सड़क को अवरुद्ध करते और रेहड़ी-पटरी वालों की गाड़ियों को नष्ट करते देखा।

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