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मेरठ। जिले में अवैध हथियार बनानें की बड़ी फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। पुलिस ने तैयार व अर्ध-निर्मित हथियारों का जखीरा बरामद करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
शनिवार को एसएसपी डाॅ विविन ताडा ने प्रकरण का खुलासा करते हुए जानकारी दी जिसमें बताया गया कि सरधना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गांव पिठलोकर से नाहली जाने वाले रास्ते पर स्थिति ट्यूबवेल के पीछे गन्ने के खेत में अवैध शस्त्र फैक्ट्री संचालित की जा रही है। सूचना पर थाना सरधना पुलिस व सर्विलांस सेल द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए घेराबंदी कर दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान मौके से भारी मात्रा में निर्मित एवं अर्ध-निर्मित तमंचे व असहल बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए। पुलिस को आता देख एक आरोपी मौके से फरार हो गया जिसकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों में जान मोहम्मद उर्फ जानू उम्र 26 पुत्र हाशिम निवासी ग्राम नवाबगढी थाना सरधना व आस मोहम्मद उर्फ आशू उम्र 56 पुत्र रशीद निवासी ग्राम पिठलोकर थाना सरधना है। इनके पास से 9 अर्ध-निर्मित तंमचे 315 बोर, 4 बने हुए तंमचे 315 बोर, 1 पौना बंदूक 12 बोर, 1 तंमचा 12 बोर बरामद हुए। वहीं, हथियार बनानें में इस्तेमाल होने वाली 1 ड्रिल मशीन, 8 रेती, 1 बांक (लोहे का शिंकजा), 1 प्लास, 2 हथौडी, 1 संडासी, 1 पंखी, 8 तमंचे की नाल, 1 नाल बनाने वाला रेमर, 6 स्पिरिंग छोटी, 1 स्पिरिंग बड़ी, 5 ट्रिगर, 6 आरी ब्लेड, 3 सुम्भी, 2 छेनी, 2 चाबी, 1 पाना, 12 लोहे की रिपिट, 1 रेगमाल, 14 पत्ती अग्रेंजी के स् आकार वाले, 6 ड्रील छड़, 1 ज़िन्दा कारतूस 315 बोर व 1 ज़िन्दा कारतूस 12 बोर बरामद किए गए हैं। पकड़े गए दोनों आरोपियों में से जान मौहम्मद उर्फ जानू पर सात संगीन मुकदमे दर्ज हैं। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में प्रनि थाना सरधना दिनेश प्रताप सिंह, उपनीरीक्षक विजय चैहान, उपनीरीक्षक जितेन्द्र कुमार, उपनीरीक्षक राहुल सिंह, उपनीरीक्षक अतुल कुमार, हेड कांस्टेबल कुलदीप कुमार, कांस्टेबल गौरव कुमार जबकि सर्विलांस टीम के प्रभारी उपनीरीक्षक मुनेश बाबू, हेड कांस्टेबल अमित चैहान, हेड कांस्टेबल विकास यादव, हेड कांस्टेबल राहुल, हेड कांस्टेबल दीपक कुमार, कांस्टेबल अरविन्द, कांस्टेबल विकास व हेड कांस्टेबल अवतार सिंह शामिल रहे।


एनसीआरटीसी ने समझा दिव्यांगों का दर्द

गाजियाबाद। एनसीआरटीसी ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और जापान फंड फॉर प्रॉस्पेरस एंड रेजिलिएंट एशिया एंड द पैसिफिक (जेएफपीआर) के सहयोग से गाजियाबाद में दिव्यांगों के लिए सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम आयोजित किया।
कार्यक्रम में एनसीआरटीसी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिल्ली-मेरठ नमोः भारत कॉरिडोर के आसपास रहने वाले दिव्यांगों को निःशुल्क सहायक उपकरण वितरित किए गए। इस दौरान एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल व निदेशक (वित्त) नमिता मेहरोत्रा उपस्थित रहे। उन्होंने 50 दिव्यांगों को हाथों से चलने वाली ट्राई साइकिलें प्रदान की। कार्यक्रम का उद्देश्य दिव्यांगों के जीवन को सरल बनाना और उन्हें सामाजिक एवं आर्थिक तौर पर सशक्त बनाना है। इससे न सिर्फ दिव्यांगों के जीवन में गतिशीलता बढ़ेगी बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से जीने की प्रेरणा भी मिलेगी।
एनसीआरटीसी द्वारा एडीबी के सहयोग से इस तरह के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है।
एनसीआरटीसी द्वारा दिव्यांग यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखते हुए नमाःे भारत स्टेशनों पर भी दिव्यांगजनों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। दृष्टिहीन दिव्यांग यात्रियों के लिए स्टेशनों पर स्पर्श पथ (टैक्टाइल पाथ) बनाए गए हैं, साथ ही स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की आसानी से आवाजाही के लिए बड़ी लिफ्टें लगाई गई हैं। इसके अलावा, बुजुर्गों, दिव्यांगों, महिलाओं व बच्चों समेत सभी यात्रियों के लिए लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा भी प्रदान की गई है। गतिशीलता और सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए एनसीआरटीसी एक सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन व्यवस्था के लिए संकल्पित है। यह प्रयास प्रमाणित करते है कि नमोः भारत सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक विकास, कल्याण और सामाजिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम भी है।

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