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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य कर विभाग के कामकाज की समीक्षा की और अधिकारियों को व्यापारियों से संवाद के माध्यम से राजस्व संग्रह लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यवस्थित प्रयास करने का निर्देश दिया। एक बयान में यह जानकारी दी गयी।मुख्यमंत्री ने लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए टीम भावना के साथ काम करने पर जोर दिया। प्रदेश सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, आदित्यनाथ ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी)/ मूल्य वर्धित कर (वैट) संग्रह में राज्य की सतत वृद्धि पर प्रकाश डालते वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ‘मिशन मोड’ प्रयासों का आह्वान किया।

उन्होंन कहा कि राज्य में सबसे अधिक जीएसटी-पंजीकृत व्यापारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सक्रिय पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 2023-24 में 17.2 लाख थी, जो 2024-25 में बढ़कर 19.9 लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने पंजीकरण आधार का विस्तार करने और व्यापारियों के साथ नियमित संवाद बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया।

आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करना हर व्यापारी का कर्तव्य है और रिटर्न दाखिल करने में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्यों में से एक है। उन्होंने अधिकारियों को व्यापारियों को कर नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कर चोरी को रोकने के लिए अधिकारियों को क्षेत्र-विशिष्ट रणनीति बनाने और राजस्व प्रवर्तन के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करने का निर्देश दिया। आदित्यनाथ ने जोर देकर कहा कि व्यवस्थित प्रयास कर धोखाधड़ी को प्रभावी ढंग से रोकने में मदद मिल सकती है।

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