

मेरठ में सीएमओ कार्यालय में दिव्यांगों ने हंगामा कर दिया है। काफी संख्या में पहुंचे दिव्यांगों ने आरोप लगाया कि विभाग दिव्यांगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बना रहा। इसके कारण दिव्यांगों को काफी परेशानी हो रही है। दिव्यांगजन वहीं सीएमओ कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। कई दिव्यांग तो पूरे परिवार के साथ धरने पर बैठ गए हैं। अफसरों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन दिव्यांग नहीं माने और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। दिव्यांगों ने कहा हमारे आयुष्मान कार्ड नहीं बन रहे, हमारी सुनवाई नहीं हो रही। दिव्यांग सीएमओ कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए। दिव्यांगों ने कहा कि आज तक हमारे आयुष्मान कार्ड नहीं बने, जबकि दिव्यांगों को आयुष्मान कार्ड की सबसे ज्यादा जरुरत है। कहा कि हम ऐसी सरकार को कैसे मानें, जब वोट डलती है तब सरकार को दिव्यांगों के बोट की याद आती है, लेकिन सुविधाएं देने के वक्त वो भूल जाते हैं कि कितने दिव्यांग हैं। उन्हें क्या सुविधा दी जानी चाहिए। दिव्यांगों ने कहा कि आज तक हमारे ज्ञापनों पर संज्ञान नहीं लिया गया। दिव्यांग प्रकोष्ठ केवल नाम के लिए बनाया गया है। भारी संख्या में दिव्यांगजन पहुंचे और वहीं भट्टी चढ़ा दी। कहा कि आयुष्मान कार्ड में कुछ दिव्यांगों के नाम जोड़े गए हैं. जबकि बड़ी संख्या में दिव्यांगों को छोड़ दिया है। रोहित कुमार ने कहा कि जिला पंचायत सभागार में राज्य आयुक्त आए थे। उन्होंने दिव्यांगों की तमाम समस्याएं सुनी। लेकिन हमारी एक समस्या आयुष्मान कार्ड को लेकर सुनवाई नहीं की गई है। उन्होंने सीएमओ को आदेश दिया था कि आप दिव्यांगों को बुलाकर इनकी लिस्ट बनाएं। कहा कि आज हम सीएमओ के यहां गए तो उन्होंने साफ कह दिया कि जिनके नाम लिस्ट में हैं उनके ही आयुष्मान कार्ड बनेंगे और किसी के आयुष्मान कार्ड नहीं बनाए जाएंगे। केवल दो दिव्यांग हैं जिनके नाम उस लिस्ट में हैं। कहा कि मेरठ में 17 हजार पेंशनधारी दिव्यांग हैं। सबके कार्ड बनना चाहिए, लेकिन बन केवल 2 के रहे हैं। सबका विकास सबका साथ का नारा केवल जुमलेबाजी है। अनिश्चितकालीन देते रहेंगे धरना कहा कि ये गेट बंद रहेगा हम जब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं होता। ये अनिश्चितकालीन धरना है। दिव्यांगों ने सीएमओ दफ्तर में योगी सरकार मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। दिव्यांगों ने पेंशन नहीं व्यापार दो की मांग उठाई। दिव्यांग वहीं सीएमओ कार्यालय में धरने पर बैठ गए हैं।