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फिलिस्तीन के अस्तिव की लड़ाई अब ट्रंप के अधिकार पर जाकर खत्म हो रही है। इजरायल फिलिस्तीन की जंग क्या मोड़ लेगी इस सवाल में दुनिया उलझी ही थी कि ट्रंप के एकतरफा ऐलान ने इसे और फंसा दिया है। गाजा पर कब्जे के ऐलान के बाद से पूरा मीडिल ईस्ट अब भड़का हुआ है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने ट्रंप को गाजा प्लन पर घेरा। उन्होंने कहा कि गाजा और फिलीस्तीन पर अमेरिका को ‘मूर्खतापूर्ण’ योजना’ कहीं नहीं पहुंचाएगी। जिन्होंने दावा किया था कि वे विरोध को नष्ट कर देंगे, वे अब अपने बंदियों के छोटे ग्रुप ले रहे है और बदले में बड़ी तादाद में फिलीस्तीनी बंदी रिहा कर रहे है।ट्रंप ने कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी को अपने अधीन लेगा और हम इसे विकसित करेंगे। इस पर हमारा अधिकार होगा और वहां मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को निष्क्रिय करने, जगह को समतल करने और तबाह हो चुकी इमारत को हटाने की जिम्मेदारी हमारी होगी। उन्होंने कहा कि एक ऐसा आर्थिक विकास करेंगे जो क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के ढेरों अवसर पैदा करेगा और आवास उपलब्ध कराएगा। कुछ अलग किया जाएगा। ट्रंप के कहा कि फलस्तीनी लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है यही कारण है कि वह गाजा वापस जाना चाहते हैं। यह (गाजा पट्टी) अभी एक तबाही स्थल है। हर एक इमारत ढह गई है। वे ढह चुकी कंक्रीट संरचनाओं के नीचे रह रहे हैं जो बेहद खतरनाक है। व्हाइट हाउस में इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात का मौका था। मुलाकात तक तो सब ठीक था और लगा कि दोनों देश युद्ध की स्थिति और  परिस्थितियों को लेकर बात करेंगे। हमास से कैसे निपटा जाए इसको लेकर चर्चा करेंगे। लेकिन यहां तो सबकुछ उल्टा हो गया। ऐलान गाजा पट्टी को लेकर हो गया। कहा गया कि गाजा पट्टी को अमेरिका टेक ओवर करेगा और इसका स्वामित्व भी अपने पास रखेगा। यानी ओनरशिप की बात डोनाल्ड ट्रंप अपने बयान में कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी सुझाव दिया कि अमेरिका उस जगह को डिवेलप करेगा, लेकिन इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी कि वहां किसे रहने की अनुमति दी जाएगी।

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