

विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य तथा विश्व गीता संस्थान के संस्थापक प्रवर्तक आचार्य राधाकृष्ण मनोडी द्वारा शुक्रवार को कैंट स्थित रेस्टोरेंट में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि विश्व में केवल भारत ही ऐसा देश है, जो विश्व कल्याण की कामना करता है और प्राणियों में सद्भावना रखता है। इसका एकमात्र कारण है कि श्रीमद्भगवद्गीता जैसा निर्विवाद धर्मशास्त्र हमारा सर्वमान्य ग्रंथ है। श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्याय में सृष्टि के स सभी रहस्यों को सुलझाते हुए, समझते हुए योगेश्वर भगवान कृष्ण कृष्ण ने अर्जुन को दिव्य उपदेश दिया था। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता ही एकमात्र निर्विवाद धर्म ग्रंथ है, यही एकमात्र मानव धर्मशास्त्र है जिसकी आलोचना कभी किसी भी दार्शनिक वैज्ञानिक या शिक्षा विद ने नहीं की है। आगे कहा कि विश्व गीता संस्थान के माध्यम से हम समाज को जागरुक करने के लिए मेरठ में 11वीं बार श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं। इसमें 18 अध्याय में वर्णित शास्त्रों का सामूहिक पारायण होगा और दिल्ली से हमारे वेद विद्यालय के आचार्य और छात्र सामूहिक पारायण का नेतृत्व करेंगे। विश्व गीता संस्थान की महासचिव कवयित्री तुषा शर्मा ने बताया कि यात्रा 15 फरवरी को दोपहर 2 बजे से 5 तक भोलेश्वर मंदिर नई सड़क से प्रारंभ होकर बालेराम बृजभूषण सरस्वती शिशु मंदिर शास्त्री नगर में संपूर्ण होगी। अगले दिन रविवार 16 फरवरी को प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ आयोजित किया जाएगा।