मेरठ। तीन दिन पहले गाजियाबाद में अल सुबह तीन बजे 14 साल के किशोर सि़द्धांत व उसके भाई को सांप ने डस लिया था। परिजन दोनों भाइयों को लेकर इधर उधर भटकते रहे, लेकिन समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से एक की मौत हो गई जबकि सिद्धांत को सुबह 11 बजे एलएलआरएम मेडिकल काॅलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।
- समय पर उपचार मिलने पर बची किशोर की जिंदगी
मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार (एमडी) व डॉ विवेक के. ऋषि (एमडी) की टीम ने सिध्दांत का उपचार शुरू किया। इमरजेंसी वार्ड में ही तुरंत एंटी-स्नेक वेनम और अन्य इंजेक्शन दिए गए। इसके बावजूद, सिध्दांत की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, उसकी पलके बंद होने लगी और सांस लेने में भी परेशानी होने लगी उसपर बेहोशी छाने लगी थी। इसके बाद तुरंत किशोर को वेंटिलेटर पर लिया गया। - डाक्टरों की दो दिन मेहनत लाई रंग
सरदार वल्लभभाई पटेल चिकित्सालय की टैली आईसीयू टीम ने सिध्दांत की दो दिनों तक लगातार देखभाल की। वहीं, वेंटिलेटर पर रखने के बाद उसकी स्थिति में सुधार होने लगा। दो दिन बाद शरीर में ताकत आई तो उसे वेंटिलेटर से हटा दिया गया। - सिद्धांत को नई जिंदगी देने वाली टीम का जताया आभार
सिध्दांत के परिवार ने डॉ अरविंद कुमार, डॉ विवेक के. ऋषि, डॉ भैरव सिंह मीना, डॉ आकाश वर्मा और डॉ सामिक्षा, डॉ पूनम, डॉ शिवम, नर्सिंग ऑफिसर सिस्टर ट्रेसर व सिस्टर रजनी समेत आईसीयू की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। परिवार ने कहा कि समय पर और उचित उपचार मिलने से सिध्दांत की जान बची है, वह मेडिकल के पूरे स्टाॅफ के सदा आभारी रहेंगे।
सवभाप चिकित्सालय की सफलता की कहानी में एक और अध्याय जुड़ गया है। वहीं, इस घटना से यह भी साबित हो गया है कि यदि समय पर और उचित उपचार मिल जाए तो किसी की भी जान बचाई जा सकती है। इस उपलब्धि पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने मेडिसिन विभाग की पूरी टीम को बधाई दी है।

