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  • भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना पूर्व फौजी को पड़ा भारी
  • मानसिक उत्पीड़न से परेशान होकर पीड़ित ने छोड़ी नौकरी
    मेरठ। यह एक ऐसा प्रकरण है जिसमें प्रदेश सरकार को बदनाम करने की बू आ रही है। यह इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि इसमें कोई आम आदमी पीड़ित नहीं है बल्कि देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने के बाद फौज से रिटायर्ड होने वाले पूर्व फौजी पीड़ित है। विडंबना यह कि उत्पीड़न से आजिज आकर पूर्व फौजी बिजली विभाग में एसएसओ यानी सब स्टेशन आॅपरेटर की नौकरी तक छोड़ने को मजबूर हो गए।
    लाखो रूपये के तांबे के तारों को बेचने की साजिश का खुलासा करने वाले पूर्व फौजी रामकुमार गौड़ ने पश्चिमी उप्र के चैदह जिलों की मुखिया यानी एमडी पाॅवर पीवीवीनिलि तक से गुहार लगाई है लेकिन अभीतक इनकी कोई मदद नहीं की जा रही है। यह प्रकरण बिजली विभाग की पोल खोलने के लिए काफी है जिसमें इस बात की बू आ रही है कि कहीं किसी सोची-समझी साजिश के तहत मौजूदा योगी सरकार को बदनाम करने की तो कोशिश नहीं की जा रही है, और यदि ऐसा है तो यह बड़ा षडयंत्र है जिसका खुलासा होना बेहद जरूरी है।

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