प्रेमशंकर
मेरठ। क्या आप सोच सकते है कि शहर में एक दो नहीं बल्कि सौ लोग भीख मांग कर अपना जीवन-यापन करने को मजबूर हैं, जीहां यह सच है। पहले से ही कुदरत की मार झेल रहे कुष्ठ रोगियों को पिछले दो साल से कोई सरकारी मदद नहीं मिल रही है। इस वजह से यह लोग और इनके परिवार के सदस्य भीख मांग कर गुजारा करने को मजबूर हैं।
हापुड़ रोड स्थित घोसीपुर गांव में 2009 की तत्कालीन सीएम मायावती के शासन में कुष्ठ आश्रम बनाया गया था। इस आश्रम में उन कुष्ठ रोगियों को रखा गया जिन्हें समाज की मुख्य धारा से अलग समझा जाता है। आज इन कुष्ठ रोगियों व उनके परिवार के सदस्यों की कुल संख्या सौ हो चुकी है, लेकिन विडंबना यह कि धीरे-धीरे इस आश्रम को मिलने वाली सरकारी सहायता बंद होती चली गई। हालांकि जिला कुष्ठ रोग अधिकारी गजेंद्र ंिसंह ने बताया कि यह आश्रम उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, इसका संचालन कोई संस्था करती है मगर वह संस्था कौन सी है और कब से काम कर रही है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। ऐसे में यहां रहने वाले कुष्ठ रोगी और उनके परिवार के सदस्य भीख मांग के साथ दूसरों द्वारा दिए गए दान से अपनी गुजर-बसर कर रहें है। चैंकाने वाली बात यह कि आश्रम को मिलने वाली बिजली का बिल भी यह लोग भीख मांगकर जमा करते है।
वर्जनः कुष्ठ आश्रम की मौजूदा स्थिति की जानकारी मिलने के बाद हम अपनी टीम भेजकर हालातों की जानकारी लेगें। हमारे द्वारा जो भी मदद हो सकेगी की जाएगी।
- गजेंद्र सिंह, जिला कुष्ठ रोग अधिकारी मेरठ।

