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इस्लामाबाद । पाकिस्तान का कर घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में बढ़कर 606 अरब पाकिस्तानी रुपये (189.45 अरब भारतीय रुपया) हो गया। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए कहा गया कि ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ किए गए वादों का उल्लंघन करने के लिए अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को सात अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया है, लेकिन इसके लिए कर संग्रह बढ़ाने सहित सख्त शर्तें लगाईं हैं।एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि संघीय राजस्व बोर्ड (एफबीआर) को जुलाई-फरवरी के कर संग्रह लक्ष्य 7,950 अरब पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले 606 अरब पाकिस्तानी रुपये की भारी कमी का सामना करना पड़ा। पड़ोसी देश ने चालू वित्त वर्ष में जुलाई-फरवरी के दौरान अनंतिम रूप से 7,342 अरब पाकिस्तानी रुपये जमा किए। रिपोर्ट में कहा गया कि कर संग्रह में लगभग 28 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई, लेकिन यह आईएमएफ के लक्ष्य 7,950 अरब पाकिस्तानी रुपये को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

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