

संवाद सूत्र जागरण साढौली कदीम: पाश्चत्य संस्कृति से धूमिल हो चुकी सनातन सत्य संस्कृति को जीवित रखने का एकमात्र साधन गुरुकुलिए शिक्षा पद्धति ही है गुरुकुल में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी सिखाए जाते हैं संस्कारवान शिक्षा ही मनुष्य को उन्नति के मार्ग पर ले जा सकती है ।
उक्त विचार वैदिक प्रवक्ता आचार्य अनुज शास्त्री ने महर्षि कणाद वैदिक गुरुकुल चको के वार्षिक उत्सव में व्यक्त किये।उन्होंने कहा कि आज देश में वृद्धा आश्रमों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आजकी शिक्षा पद्धति बच्चों को केवल धन अर्जित करने की मशीन बना रही है यही कारण है कि आज समाज में विभिन्न प्रकार की कुरीतियां फैल चुकी है आज का युवा पश्चात संस्कृति में पूर्णतया खो चुका है यदि शीघ्र ही अपनी पुरातन शिक्षा पद्धति को नहीं अपनाया गया तो आने वाला समय मानव जीवन के लिए बड़ा कठिन होगा। हमारी गुरुकुलिय शिक्षा पद्धति को षड्यंत्र के तहत समाप्त किया गया है गुरुकुलिय शिक्षा पद्धति से बच्चे शारीरिक, मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ ही संस्कारवान भी बनते हैं l कार्यक्रम को भूमिका देरी के एमडी राजकुमार चौधरी जीएम वीआर एस फूड नवीन अग्रवाल, रोशन लाल अग्रवाल,भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सैनी,डॉक्टर राजेंद्र अग्रवाल आदि ने संबोधित करते हुए गुरुकुल या शिक्षा पद्धति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इस मौके पर गिरीश अग्रवाल,रोशन लाल बंसल,योगेश अग्रवाल,आदेश कुमार यादव,संदीप कंबोज, हरीश चेयरमैन , जिला पंचायत सदस्य रामकुमार , जसविंदर आर्य,अन्वेष कंबोज, सचिन कंबोज , एडवोकेट दिनेश कुमार, जितेंद्र कुमार, नरेंद्र कानूनगो व मनपाल सैनी आदि मौजूद रहे।