0 1 min 2 mths

मेरठ। रेगुलर आई चेकअप न केवल दृष्टि की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि उन साइलेंट नेत्र रोगों का समय रहते पता लगाने में भी मदद करती है जो बिना किसी लक्षण के बढ़ते रहते हैं और देर होने पर स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकते हैं। ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी और उम्र से संबंधित मैक्युलर डिजेनरेशन जैसी स्थितियाँ समय पर निदान न होने पर स्थायी रूप से दृष्टि छीन सकती हैं।
बच्चों में नियमित नेत्र परीक्षण बेहद जरूरी है ताकि विजन डिफेक्ट, तिरछापन या लेजी आई जैसी समस्याओं का समय रहते पता लगाया जा सके, जो उनके सीखने और विकास को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं, वयस्कों में विशेषकर 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए नियमित स्क्रीनिंग प्रेस्बायोपिया, कैटरेक्ट और अन्य उम्र से जुड़ी नेत्र समस्याओं के समय पर प्रबंधन में मदद करती है। वर्ल्ड साईट-डे हर वर्ष 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस बार लव योर आइज थीम के साथ जा रहा है। यह इस बात की वैश्विक याद दिलाता है कि दृष्टि हमारे सबसे अनमोल इंद्रियों में से एक है और इसे सुरक्षित रखने के लिए निरंतर देखभाल आवश्यक है। इस अवसर पर सेंटर फॉर साईट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स ने अर्ली डायग्नोसिस और एक्टिव आई केयर के महत्व को दोहराया है। सेंटर फॉर साईट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि कैटरेक्ट विश्वभर में दृष्टि हानि के सबसे सामान्य कारणों में से एक है, विशेषकर 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में। यह तब होता है जब आंख का प्राकृतिक लेंस धुंधला हो जाता है, जिससे धुंधली दृष्टि, चकाचैंध और रोजमर्रा के कार्यों में कठिनाई होती है। यदि समय पर इलाज न हो, तो यह पूर्ण दृष्टिहीनता तक पहुंच सकता है। लेकिन आधुनिक नेत्र चिकित्सा तकनीकों के चलते अब कैटरेक्ट सर्जरी दुनिया की सबसे सुरक्षित और सटीक प्रक्रियाओं में से एक बन गई है। डॉ महिपाल ने आगे बताया कि ब्लेडलेस फेमटोसेकंड लेजर-असिस्टेड कैटरेक्ट सर्जरी ने परिणामों में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। यह बेहतरीन सटीकता, न्यूनतम असुविधा और तेज रिकवरी प्रदान करती है। लेजर केवल 10 सेकंड में कैटरेक्ट को टुकड़ों में विभाजित कर सटीकता से निकाल सकती है। इसी प्रकार, नवीनतम पीढ़ी की लाॅसिक और लेजर विजन करेक्शन तकनीकें जो ए-आई ट्रैकिंग सिस्टम और हाई-स्पीड लेजर्स से संचालित हैं। दृष्टि सुधार में अभूतपूर्व सटीकता और सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। ये सभी नवाचार सुरक्षित, प्रभावी और व्यक्तिगत नेत्र देखभाल के भविष्य का प्रतीक हैं। सेंटर फॉर साईट लगातार अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत उपचारों के माध्यम से मरीजों की दृष्टि की सुरक्षा में अग्रणी रहा है। अस्पतालों में नेत्र देखभाल के नवीनतम उपकरण मौजूद हैं। जिनमें स्पेक्टेकल रिमूवल के लिए ब्लेडलेस लाॅसिक और स्माइल तकनीक, सटीकता बढ़ाने के लिए फेमटोसेकंड लेजर-असिस्टेड कैटरेक्ट सर्जरी, और रेटिनल केयर के लिए आॅप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओटीसी), रेटिनल लेजर और इंट्राविट्रियल इंजेक्शन जैसी उन्नत सुविधाएं शामिल हैं। ग्लूकोमा के मरीजों के लिए न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी और केराटोकॉनस के लिए कॉर्नियल क्रॉस-लिंकिंग तकनीक उपलब्ध है। इसके अलावा, समूह बाल नेत्र रोग (पेडियाट्रिक ऑप्थैल्मोलॉजी) और एडवांस्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट जैसी विशेष सेवाएं भी प्रदान करता है, जिससे हर आयु वर्ग के लिए सम्पूर्ण नेत्र देखभाल सुनिश्चित होती है। वर्ल्ड साईट डे पर सेंटर फॉर साईट सभी लोगों से अपील करता है कि वे अपनी दृष्टि को प्राथमिकता दें और नियमित नेत्र जांच को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आज की गई नेत्र देखभाल, आने वाले कल के स्वतंत्र, उत्पादक और गुणवत्तापूर्ण जीवन में निवेश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Somewhere in news