मेरठ। उत्तर प्रदेश में ओरल कैंसर यानी मुख का कैंसर एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। यूपी में पान, गुटखा और तंबाकू का सेवन पूरे देश की तुलना में सबसे ज्यादा किया जाता है। यह रोग महिलाओं की तुलना में पुरूषों में अधिक पाया जाता है। मुख के कैंसर की मुख्य वजह तंबाकू, गुटखा, पान मसाला, बीड़ी-सिगरेट, शराब और खराब मुख स्वच्छता के कारण हो सकती है। इसके अलावा लंबे समय तक धूप का संपर्क, मानव पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण और पोषण की कमी भी इसके जोखिम को बढ़ाते हैं। इस रोग के लक्षणों में व्यक्ति के मुँह में घाव या छाले जो ठीक न हो रहे हों, मसूड़ों से खून आना, दाँत हिलना, मुँह खोलने में कठिनाई, खाना निगलने में परेशानी, बोलने में बदलाव और चेहरे या गर्दन में सूजन जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकते हैं। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत ओरल कैंसर पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसी श्रृंखला में मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय मुख कैंसर रोग जागरूकता एवं स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ विनीत शर्मा व डेंटल विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका शर्मा के नेतृत्व में ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 360 लोगों की मुंह की स्क्रीनिंग के के साथ उपचार दिया गया। स्वास्थ्य शिविर की प्रभारी डॉ नीलम गौतम ने मुख कैंसर के कारण, बचाव और समय पर पहचान की महत्ता के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही मेडिकल के अंतर्गत आने वाले नगरीय स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र सूरजकुंड पर भी आचार्य कम्युनिटी मेडिसिन विभाग डॉ तनवीर बानो की उपस्थिति में ओरल कैंसर स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे शिविरों को नियमित रूप से आयोजित करने पर जोर दिया।

