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संभल के सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। ईद से पहले शांति समिति की बैठक के दौरान सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हम जहां रहते हैं, वहां की शांति व्यवस्था भंग न हो। इसलिए हम पर सभी को भरोसा है। उन्होंने कहा कि ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो होली की गुजिया भी खानी पड़ेगी।” विवाद होली से कुछ दिन पहले तब शुरू हुआ जब चौधरी ने कहा कि होली साल में एक बार आता है जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है उन्होंने कहा था कि होली के रंगों से अगर किसी को असहजता महसूस हो तो उसे होली के दिन घर के अंदर ही रहना चाहिए। सीओ चौधरी ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था बल्कि सभी धर्मों के त्योहारों का सम्मान करने के महत्व पर जोर देना था। उन्होंने कहा, “हमारा हमेशा से उद्देश्य रहा है कि हम जहां भी रहें, वहां शांति भंग न हो।” हालांकि, चौधरी के बयान पर खूब सियासत हुई लेकिन सीएम योगी ने उनका साथ दिया।

उन्होंने आपसी सम्मान और एक-दूसरे के जश्न में भागीदारी की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो गुजिया भी खानी पड़ेगी। दोनों पक्षों को गुजिया खानी चाहिए। लेकिन यहां गड़बड़ हो जाती है। जब एक पक्ष नहीं खा रहा और दूसरा पक्ष खा रहा है तो यहां भाईचारा खत्म हो जाता है।” सीओ चौधरी ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पक्षपातपूर्ण पुलिस कार्रवाई के आरोपों पर भी बात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं और गहन जांच जारी है। उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने का आग्रह किया और निष्पक्षता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “हम राजनीति नहीं कर रहे हैं और न ही हमारा राजनीति करने का कोई इरादा है।”होली और जुमे की नमाज की आवृत्ति की तुलना करने वाले अपने बयान से विवाद खड़ा करने वाले सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी ने बुधवार को अपने बयान का बचाव किया और सांप्रदायिक सद्भाव का आह्वान किया। बुधवार को संभल कोतवाली थाने में शांति समिति की बैठक के दौरान सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज चौधरी ने विवाद को सीधे तौर पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सुनिश्चित करना था और उनकी टिप्पणी निष्पक्ष थी। उन्होंने कहा कि अगर मेरा बयान इतना गलत था, तो उन्हें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था। उन्होंने मुझे सजा क्यों नहीं दिलाई? सीओ चौधरी ने बिना किसी का नाम लिए सवाल किया। 

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