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हर साल फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाता है। यह बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक माना जाता है। इस दिन से होली की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। वहीं फुलेरा दूज के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के साथ भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा का विधान है। इस बार 01 मार्च 2025 को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जाएगा। तो आइए जानते हैं फुलेरा दूज पर पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में.

पूजा का शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाया जाता है। 01 मार्च 2025 की सुबह 03:16 मिनट से द्वितीया तिथि की शुरुआत हो रही है, वहीं अगले दिन यानी की 02 फरवरी 2025 को इस तिथि की समाप्ति हो जाएगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 01 मार्च 2025 को फुलेरा दूज का पर्व मनाया जा रहा है।

शुभ मुहूर्त

इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06: 47 मिनट से सुबह 11:23 मिनट तक रहेगा।

बता दें कि फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इस दिन शुभ कार्य करने के लिए समय देखने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए इस दिन ग्रह-प्रवेश, वाहन, भूमि-भवन की खरीददारी या शादी आदि शुभ कार्य किसी भी समय किए जा सकते हैं।

पूजा विधि

इस दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें। भगवान कृष्ण और राधा रानी पर पुष्प अर्पित करें। क्योंकि माना जाता है कि फुलेरा दूज पर श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ होली खेली थी। पूजा करने के बाद आरती पढ़ें और अंत में माखन-मिश्री व खीर आदि का भोग लगाएं। इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है।

फुलेरा दूज का महत्व

यह त्योहार प्रकृति की सुंदरता और जीवन की नवीनता का उत्सव माना जाता है। इस दिन जो भी जातक पूरे श्रद्धा भाव से भगवान कृष्ण और देवी राधा की पूजा करता है, उसके वैवाहिक और प्रेम संबंधों में निखार आता है।

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